मंगलवार, 10 मई 2011

विजय वर्मा कथा सम्मान समारोह संपन्न -- रिपोर्ट

साहित्य का सच वास्तविक सच से भिन्न होता है : संजीव

"जबानें दिलों को जोड़ने के लिए होती हैं तोड़ने के लिए नहीं" ये उदगार पूर्व अध्यक्ष महाराष्ट्र राज्य उर्दू अकादमी के डा. अब्दुल सत्तार दलवी ने २३ अप्रैल २०११ को बेंक्वेट हाल, गोरेगांव [पूर्व] मुम्बई में हेमंत फ़ाउंडेशन द्वारा आयोजित विजय वर्मा कथा सम्मान समारोह में व्यक्त किये। उन्होंने आगे कहा- 'नौजवनों की हौसला अफ़जाई वक्त की अहम जरूरत है और यह काम हेमंत फ़ाउंडेशन बखूबी कर रहा है।' हिन्दी उर्दू के साहित्यकारों, टी.वी. कलाकारों, साहित्यप्रेमियों , मीडिया प्रेस से संलग्न तथा बाहर से आये हुए साहित्यप्रेमियों की उपस्थिति में तालियों की गड़गड़ाहट तथा संगीत की सुमधुर ध्वनि के बीच वर्ष २०११ का 'विजय वर्मा कथा सम्मान' मनोज कुमार पांडे [लखनऊ] को उनके कथा संग्रह 'शहतूत' के लिए तथा 'हेमंत स्मृति कविता सम्मान' वाजदा खान [दिल्ली] को उनके कविता संग्रह 'जिस तरह घुलती है काया' के लिए प्रमुख अतिथि श्री संजीव [कार्यकारी संपादक हंस] एवं अध्यक्ष श्री अब्दुल सत्तार दलवी ने प्रदान किया। पुरस्कार के अंतर्गत ग्यारह हजार की धनराशि,शाल,पुष्पगुच्छ, एवं स्मृति चिह्न प्रदान किया गया।


कार्यक्रम का आरंभ दीप प्रज्वलन एवं सरस्वती वंदना से हुआ। संस्था के निदेशक श्री विनोद टीबड़ेवाला एवं श्री जे.जे.टी. विश्वविद्यालय झुंझनू के कुलपति ने इस समारोह पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा- उन्हें गर्व है कि उनका विश्वविद्यालय ऐसे साहित्यिक समारोह से जुड़ा है। उन्होंने दोनों पुरस्कृत रचनाकारों का सम्मान करते हुए उन्हें युवा पीढ़ी का मील का पत्थर बताया।

संस्था की अध्यक्ष व प्रबन्धन्यासी साहित्यकार संतोष श्रीवास्तव ने ट्रस्ट का परिचय देते हुए उसकी गतिविधियों के बारे में बताते हुए कहा कि ट्रस्ट शीघ्र ही हिन्दी-उर्दू मंच तैयार करेगा ताकि दो जबानें मिलकर नए पथ का निर्माण करें।

समारोह में पुरस्कृत कविता संग्रह पर डा. करुणाशंकर उपाध्याय ने अपने वक्तव्य में कहा- वाजदाखान की कविताएं चित्र से परिपूर्ण हैं और कविताएं बिम्ब पूर्णता को दर्शाती हैं।

लेखिका डा. प्रमिला वर्मा ने संयोजक श्री भारत भारद्वाज द्वारा भेजी गई संस्तुति प्रस्तुत की। सम्मानित रचनाकार वाजदाखान ने अपनी रचनाओं का पाठ किया एवं अपने वक्तव्य पर बोलते हुए कहा - चित्रकला मेरा क्षेत्र रहा, मगर कविताओं को लिखना पढ़ना हमेशा आकर्षित करता रहा। कविताएं अन्तश्चेतना के किसी हिस्से को बड़ी ही आहिस्ता से स्पर्श करती हैं। यह जादुई स्पर्श कई-कई दिनों तक वजूद पर छाया रहता है।

मनोज कुमार पांडे ने अपने वक्तव्य में कहा कि मैं विजय वर्मा कथा सम्मान मिलने पर खुश हूं। और सचमुच सम्मानित महसूस कर रहा हूं। इसलिए भी क्योंकि यह सम्मान अपनी शुरूआत से ही विश्वसनीय रहा है और कई ऐसे कथाकारों को मिल चुका है जिनकी रचनाएं मैं गहरे लगाव के साथ पढ़ता रहा हूं।

प्रमुख अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार श्री संजीव ने अपने रोचक वक्तव्य में कहा- साहित्य का सच वास्तविक सच से भिन्न होता है। प्रगटत: मिथ्या सा लगता है लेकिन वह उस वास्तविक सत्य से ज्यादा बड़ा सत्य होता है। उदाहरण स्वरूप उन्होंने रवीन्द्रनाथ ठाकुर की काबुलीवाला का जिक्र किया जिसमें रहमत नायक जेल में १२ वर्ष गुजार कर जब घर लौटता है तो अपनी ५ वर्ष की बेटी के लिए चूड़ियां ले जाता है । उसके लिए बेटी आज भी पांच वर्ष की है। रहमत के लिए वक्त वहीं ठहर गया है। उन्होंने कहा कि ''अपने यहां किसी भी ऐतिहासिक सच से रामायण-महाभारत का सच समाज को ज्यादा प्रभावित करता रहा है।''

मनोज कुमार पांडे की कहानी 'पत्नी का चेहरा' आवाज तथा रंगमंच की दुनिया के प्रखर कलाकार सोनू पाहूजा ने अपने रोचक अंदाज में प्रस्तुत की।

कार्यक्रम का संचालन कवि आलोक भट्टाचार्य ने किया एवं समारोह का समापन लेखिका सुमीता केशवा के आभार से हुआ।

प्रेषक : सुमीता केशवा
कार्याध्यक्ष- हेमंत फ़ाउंडेशन, मुंबई.

बुधवार, 27 अप्रैल 2011

राम निवास 'इंडिया' जनता दल 'यू' के प्रदेश सचिव मनोनीत

राम निवास 'इंडिया' जनता दल 'यू' के प्रदेश सचिव मनोनीत

७,जंतर मंतर रोड ,नई दिल्ली ११०००१ में अवस्थित जद'यू'के प्रदेश कार्यालय में ,दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष ठाकुर श्री बलबीर सिंह की अध्यक्षता में एक आवश्यक बैठक हुई जिसमें पार्टी सम्बन्धी अनेक महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार विमर्श के साथ साथ साहित्य जगत के लोकप्रिय गीतकार,कवि एवं शायर श्री राम निवास 'इंडिया' (आर।अन.तिवारी) को सर्व सम्मति से दिल्ली प्रदेश जद'यू' का सचीव मनोनीत किया गया !

उपरोक्त बैठक में दिल्ली प्रदेश के सभी जिलाध्यक्षों ,सचिवों , दिल्ली प्रदेश अनुशाश्नात्मक बोर्ड के अध्यक्ष श्री दर्पण शिकोहाबादी,महा सचीव श्री ओमप्रकाश पिप्पल, श्रीमती ललिता त्यागी,डेल्ही प्रदेश अल्पसंख्यक बोर्ड के चेयर मैन डॉक्टर इम्दादुल्ला जौहर तथा दिल्ली प्रदेश कमिटी के समस्त अधिकारियों सहित जदयू राष्ट्रीय नेतृत्वा के प्रतिनिधि श्री अरविन्द कुमार तिवारी ने भाग लेकर पार्टी के बिभिन्न मुद्दों पर अपने अपने महत्वपूर्ण विचार प्रस्तुत किये! सभा का संचालन श्री जुगनी जी ने कुशल पूर्वक किया !

जदयू दिल्ली प्रदेश कमिटी की तरफ से
राम निवास 'इंडिया'
गीतकार

मंगलवार, 29 मार्च 2011

लोकतंत्र के सशक्तिकरण में आरटीआई की भूमिका पर सेमिनार संपन्न


लोकतंत्र के सशक्तिकरण में आरटीआई की भूमिका पर सेमिनार संपन्न
नई दिल्ली ,28 मार्च ,२०११
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आरटीआई एक्टिविस्ट एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया द्वारा दिल्ली विश्वविद्यालय के रामजस कॉलेज के सेमिनार हॉल में लोकतंत्र के सशक्तिकरण में आरटीआई की भूमिका " विषय पर आयोजित सेमिनार की अध्यक्षता इंडियन कन्फ़ेडरेशन ऑफ़ इंडियन बार के अध्यक्ष एवं सुप्रीम कोर्ट के अध्यक्ष प्रवीण एच पारीख ने की. अपने अध्यक्षीय संबोधन में श्री पारीख ने कहा की लोकतंत्र के सशक्तिकरण में आरटीआई एक्ट एक बेहतर टूल साबित हो सकता है . अमीरों के लिए आरटीआई का कोइ खास महत्त्व बेशक न हो परन्तु गरीबों के लिए यह प्रमुख हथियार हो सकता है .टाइम्स ऑफ़ इंडिया के कार्टूनिस्ट आर .के.लक्षमण का उदहारण देते हुए उन्होंने कहा की कुछ लोग कुछ खास करने के लिए संकल्पवद्ध होते हैं .वैसे लोग शरीर और मन दोनों से कठोर परिश्रम करने वाले होते हैं, जिनमें से एक गोपाल प्रसाद आरटीआई एक्टिविस्ट भी हैं. आज आरटीआई आन्दोलन को ऐसे ही संकल्प शक्ति वाले उर्जावान लोगों की आवश्यकता है.

इंडिया ऑन फ़ोन के सीईओ इ.के.झा ने संस्था के साथ मिलकर आरटी आई ऑन फोन के माडल की उपयोगिता पर प्रकाश डाला एवं टेलीफोन के माध्यम से आरटीआई आन्दोलन को गति देने का संकल्प लिया .उन्होंने कहा की आज आरटीआई को गाँव तक एवं देश के अंतिम पायदान पर खड़े जमात तक पहुँचाने की आवश्यकता है. इसे पूरा करने हेतु उन्होंने आरटीआई कार्यकर्ताओं से सहयोग की अपील की .उन्होंने कहा की इंडिया ऑन फोन के हेल्पलाइन नंबर 9891919135 पर देश के किसी भाग का नागरिक अतिशीघ्र आरटीआई कार्यकर्ताओं एवं आरटीआई से सम्बंधित जानकारी प्राप्त कर सकता है .नई टेक्नोलोजी के बिना आरटी आई आन्दोलन की गति तेज एवं प्रभावी नहीं हो सकती है.

सोशल कम्युनिटी साईट फेसबुक पर सूचना का अधिकार कम्युनिटी चलनेवाले न्यूज प्रोड्यूसर हसन जावेद ने आरटीआई के बढ़ते प्रभाव एवं ब्यूरोक्रेसी की मानसिकता को बड़े अच्छे तरीके से प्रस्तुत किया.

पर्सनालिटी डेवलप[मेंट विशेषज्ञ निखिल त्यागी ने अमेरिका एवं चीन के अग्रणी रहने का उदहारण देते हुए कहा की अगर हमें पारदर्शिता चाहिए तो सबसे पहले हमें अपनी मानसिकता बदलनी होगी. हमें अग्रणी बनाने हेतु आक्रामक भूमिका में आना होगा तभी हम वर्तमान भ्रष्ट व्यवस्था से लडाई लड़ सकते हैं.

संस्था के महासचिव गोपाल प्रसाद ने आरटी आए क्षेत्र के अपने नौ महीने के कार्यकाल के दौरान प्राप्त अनुभव एवं कठिनाईयों पर प्रकाश डाला . अपने संबोधन में उन्होंने कहा की आरटीआई ड्राफ्टिंग अपने आप में एक महत्वपूर्ण कला है, जिसे सीखने एवं सिखाने की आवश्यकता है. जब तक प्रश्न पूछने की कला नहीं आएगी तब तक आपको सही जबाब नहीं मिलेगा. आरटी आई के प्रश्नों में क्या, कब, कहाँ ,कैसे क्यों आदि प्रश्नवाचक शब्दों का प्रयोग करने के बजे उसे जानकारी का रूप देकर बगैर प्रश्न वाली शैली में प्रयोग किया जाना चाहिए, अधिकांश लोग ऐसी गलती किया करते हैं. उन्होंने कहा की उनके संस्था गठन करने का लक्ष्य सर्वप्रथम आरटीआई एक्टिविस्टों के अधिकार की लड़ाई लादना है. इसके लिए सर्वप्रथम सामूहिक प्रयास से अलग-अलग क्षेत्रों के विशेषज्ञों की विशेषज्ञता का लाभ आरटीआई आवेदकों को दिलाना है . इस हेतु तंत्र विकसित कर आरटीआई क्षेत्र से जुड़े लोगों के प्रशिक्षण एवं जनजागरण के अतिमहत्वपूर्ण पक्ष की चुनौती संस्था वहन करेगी .अतिशीघ्र राष्ट्रीय कार्यकारिणी का गठन कर राज्य समन्यकों के माध्यम से प्रत्येक राज्य के राजधानी में आरटीआई विषयों पर विचारगोष्ठी एवं सम्मलेन आयोजित की जायेगी व्यवस्था से पीडीत लोग ही आन्दोलन का हिस्सा बन सकते हैं . लोगों को उसके नैतिक कर्त्तव्य के साथ-साथ अधिकार के बारे में जानकारी देने पर स्वतः क्रांति हो जायेगी. उन्होंने कहा की कौन कहता है की जयप्रकाश नारायण मर गए?आज जयप्रकाश नारायण आरटीआई एक्टिविस्टों के रूप में तथा उनका सम्पूर्ण क्रांति आन्दोलन आरटीआई आन्दोलन का नया स्वरुप है जो अब रंग ला रहा है.

संस्था के अध्यक्ष एवं सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता संदीप दुबे ने कहा की देश के ज्यादातर आरटीआई एक्टिविस्ट माध्यम वर्ग के ही हैं . उन्होंने लॉयर्स ऑफ़ द वर्ल्ड एसोसिएशन संस्था एवं आरटीआई एक्टिविस्ट एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया के एक साथ रणनीति बनाने पर बल दिया तथा कहा की वे इसके लिए आगे विचार -विमर्श करेंगे ताकि इसे शीघ्र क्रियान्वित किया जा सके. .

इंडियन इंस्टीचयुट ऑफ़ पोलिटिकल लीडरशिप के निदेशक शाहनवाज ने आरटीआई एक्टिविस्टों को दिशा देने की आवश्यकता पर जोर दिया . अपने वक्तव्य में उन्होनेव कहा की वे आरटीआई एक्टिविस्ट एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया के साथ मिलकर लम्बी दूरी तय करने के प्रति आशान्वित हैं.

संस्था के चेयरमैन धनीराम एवं संरक्षक अनिल कुमार मित्तल ने जनहित की भावना से आरटीआई फाईल करने की आवश्यकता पर जोर दिया. तृप्ति सोनकर के सरस्वती वंदना एवं अलीगढ के कवी एवं पत्रकार गाफिल स्वामी द्वारा भ्रष्टाचार पर केन्द्रित कविता को मुक्तकंठ से सराहना मिली.

रविवार, 27 फ़रवरी 2011

आकांक्षा यादव को ’न्यू ऋतंभरा भारत-भारती साहित्य सम्मान-2010’

आकांक्षा यादव कोन्यू ऋतंभरा भारत-भारती साहित्य सम्मान-2010’



युवा कवयित्री एवं साहित्यकार सुश्री आकांक्षा यादव को हिन्दी साहित्य में प्रखर रचनात्मकता एवं अनुपम कृतित्व के लिए छत्तीसगढ़ की प्रमुख साहित्यिक संस्था न्यू ऋतंभरा साहित्य मंच, दुर्ग द्वारा ’भारत-भारती साहित्य सम्मान-2010’ से सम्मानित किया गया है. गौरतलब है कि सुश्री आकांक्षा यादव की आरंभिक रचनाएँ दैनिक जागरण और कादम्बिनी में प्रकाशित हुई और फिलहाल वे देश की शताधिक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से प्रकाशित हो रही हैं. नारी विमर्श, बाल विमर्श एवं सामाजिक सरोकारों सम्बन्धी विमर्श में विशेष रूचि रखने वाली सुश्री आकांक्षा यादव के लेख, कवितायेँ और लघुकथाएं जहाँ तमाम संकलनोंध्पुस्तकों की शोभा बढ़ा रहे हैं, वहीँ आपकी तमाम रचनाएँ आकाशवाणी से भी तरंगित हुई हैं. पत्र-पत्रिकाओं के साथ-साथ अंतर्जाल पर भी सक्रिय सुश्री आकांक्षा यादव की रचनाएँ इंटरनेट पर तमाम वेबध् ई-पत्रिकाओं और ब्लॉगों पर भी पढ़ी-देखी जा सकती हैं. आपकी तमाम रचनाओं के लिंक विकिपीडिया पर भी दिए गए हैं. शब्द-शिखर, सप्तरंगी-प्रेम, बाल-दुनिया और उत्सव के रंग ब्लॉग आप द्वारा संचालित/सम्पादित हैं. ’क्रांति-यज्ञ रू 1857-1947 की गाथा’ पुस्तक का संपादन करने वाली सुश्री आकांक्षा के व्यक्तित्व-कृतित्व पर वरिष्ठ बाल साहित्यकार डा. राष्ट्रबन्धु जी ने ‘‘बाल साहित्य समीक्षा‘‘ पत्रिका का एक अंक भी विशेषांक रुप में प्रकाशित किया है।

मूलत उत्तर प्रदेश के एक कालेज में प्रवक्ता सुश्री आकांक्षा यादव वर्तमान में अपने पतिदेव श्री कृष्ण कुमार यादव के साथ अंडमान-निकोबार में रह रही हैं और वहां रहकर भी हिंदी को समृद्ध कर रही हैं. श्री यादव भी हिंदी की युवा पीढ़ी के सशक्त हस्ताक्षर हैं और सम्प्रति अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के निदेशक डाक सेवाएँ पद पर पदस्थ हैं. एक रचनाकार के रूप में बात करें तो सुश्री आकांक्षा यादव ने बहुत ही खुले नजरिये से संवेदना के मानवीय धरातल पर जाकर अपनी रचनाओं का विस्तार किया है। बिना लाग लपेट के सुलभ भाव भंगिमा सहित जीवन के कठोर सत्य उभरें यही आपकी लेखनी की शक्ति है। उनकी रचनाओं में जहाँ जीवंतता है, वहीं उसे सामाजिक संस्कार भी दिया है।

सुश्री आकांक्षा यादव को इससे पूर्व भी विभिन्न साहित्यिक-सामाजिक संस्थानों द्वारा सम्मानित किया जा चुका है। जिसमें भारतीय दलित साहित्य अकादमी द्वारा ‘‘वीरांगना सावित्रीबाई फुले फेलोशिप सम्मान‘, राष्ट्रीय राजभाषा पीठ इलाहाबाद द्वारा ‘‘भारती ज्योति‘‘, ‘‘एस0एम0एस0‘‘ कविता पर प्रभात प्रकाशन, नई दिल्ली द्वारा पुरस्कार, मध्यप्रदेश नवलेखन संघ द्वारा ‘‘साहित्य मनीषी सम्मान‘‘ व ‘‘भाषा भारती रत्न‘‘, छत्तीसगढ़ शिक्षक-साहित्यकार मंच द्वारा ‘‘साहित्य सेवा सम्मान‘‘, ग्वालियर साहित्य एवं कला परिषद द्वारा ‘‘शब्द माधुरी‘‘, इन्द्रधनुष साहित्यिक संस्था, बिजनौर द्वारा ‘‘साहित्य गौरव‘‘ व ‘‘काव्य मर्मज्ञ‘‘, श्री मुकुन्द मुरारी स्मृति साहित्यमाला, कानपुर द्वारा ‘‘साहित्य श्री सम्मान‘‘, मथुरा की साहित्यिक-सांस्कृतिक संस्था ‘‘आसरा‘‘ द्वारा ‘‘ब्रज-शिरोमणि‘‘ सम्मान, देवभूमि साहित्यकार मंच, पिथौरागढ़ द्वारा ‘‘देवभूमि साहित्य रत्न‘‘, राजेश्वरी प्रकाशन, गुना द्वारा ‘‘उजास सम्मान‘‘, ऋचा रचनाकार परिषद, कटनी द्वारा ‘‘भारत गौरव‘‘, अभिव्यंजना संस्था, कानपुर द्वारा ‘‘काव्य-कुमुद‘‘, महिमा प्रकाशन, दुर्ग-छत्तीसगढ द्वारा ’महिमा साहित्य भूषण सम्मान’, अन्तर्राष्ट्रीय पराविद्या शोध संस्था, ठाणे, महाराष्ट्र द्वारा ‘‘सरस्वती रत्न‘‘, अन्तर्ज्योति सेवा संस्थान गोला-गोकर्णनाथ, खीरी द्वारा श्रेष्ठ कवयित्री की मानद उपाधि इत्यादि प्रमुख हैं। सुश्री आकांक्षा यादव को इस अलंकरण हेतु हार्दिक बधाईयाँ।

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गोवर्धन यादव
संयोजक-राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, छिन्दवाड़ा
103 कावेरी नगर, छिन्दवाड़ा (म0प्र0)-480001

सोमवार, 21 फ़रवरी 2011

: साहित्य समाचार: मध्य प्रदेश लघु कथाकार परिषद् : २६ वाँ वार्षिक सम्मेलन जबलपुर, २०-२-२०११

: साहित्य समाचार:
मध्य प्रदेश लघु कथाकार परिषद् : २६ वाँ वार्षिक सम्मेलन
जबलपुर, २०-२-२०११,
अरिहंत होटल, रसल चौक, जबलपुर

आचार्य संजीव वर्मा 'सलिल' व अन्य लघुकथाकार सम्मानित होंगे

जबलपुर. लघुकथा के क्षेत्र में सतत सक्रिय रचनाकारों कर अवदान को प्रति वर्ष सम्मानित करने हेतु प्रसिद्ध संस्था मध्य प्रदेश लघु कथाकार परिषद् का २६ वाँ वार्षिक सम्मेलन अरिहंत होटल, रसल चौक, जबलपुर में २०-२-२०११ को अपरान्ह १ बजे से आमंत्रित है.

परिषद् के अध्यक्ष मो. मोइनुद्दीन 'अतहर' तथा सचिव कुँवर प्रेमिल द्वारा प्रसरित विज्ञप्ति के अनुसार इस वर्ष ७ लघुकथाकारों को उनके उल्लेखनीय अवदान हेतु सम्मानित किया जा रहा है.

ब्रिजबिहारीलाल श्रीवास्तव सम्मान - श्री संजीव वर्मा 'सलिल', जबलपुर.
सरस्वती पुत्र सम्मान - श्री पारस दासोत जयपुर.
रासबिहारी पाण्डेय सम्मान - श्री अनिल अनवर, जोधपुर.
डॉ. श्रीराम ठाकुर दादा सम्मान - श्री अशफाक कादरी बीकानेर.
जगन्नाथ कुमार दास सम्मान- श्री डॉ. वीरेन्द्र कुमार दुबे, जबलपुर.
गोपालदास सम्मान - डॉ. राजकुमारी शर्मा 'राज', गाज़ियाबाद.
आनंदमोहन अवस्थी सम्मान- डॉ. के बी. श्रीवास्तव, मुजफ्फरपुर- मो. मोइनुद्दीन 'अतहर', जबलपुर.

कार्यक्रम प्रो. डॉ. हरिराज सिंह 'नूर' पूर्व कुलपति इलाहाबाद विश्वविद्यालय की अध्यक्षता, प्रो. डॉ. जे. पी. शुक्ल पूर्व कुलपति रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर के मुख्यातिथ्य तथा श्री राकेश 'भ्रमर', श्री अंशलाल पंद्रे व श्री निशिकांत चौधरी के विशेषातिथ्य में संपन्न होगा.

इस अवसर पर मो. मोइनुद्दीन 'अतहर' द्वारा सम्पादित परिषद् की लघुकथा केन्द्रित पत्रिका अभिव्यक्ति के जनवरी-मार्च २०११ अंक, श्री कुँवर प्रेमिल द्वारा सम्पादित प्रतिनिधि लघुकथाएँ २०११ तथा श्री मनोहर शर्मा 'माया' लिखित लघुकथाओं के संग्रह मकड़जाल का विमोचन संपन्न होगा.

द्वितीय सत्र में डॉ. तनूजा चौधरी व डॉ. राजकुमार तिवारी 'सुमित्र' लघु कथा के अवदान, चुनौती और भविष्य विषय पर विचार अभिव्यक्ति करेंगे.
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रविवार, 20 फ़रवरी 2011

दयानंद वैदिक महाविद्यालय, उरई में UGC द्वारा प्रायोजित राष्ट्रिय सेमीनार == 13-14 मार्च 2011

दयानंद वैदिक महाविद्यालय, उरई में UGC द्वारा प्रायोजित राष्ट्रिय सेमीनार == 13-14 मार्च 2011







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दयानंद वैदिक महाविद्यालय, उरई में UGC द्वारा प्रायोजित राष्ट्रिय सेमीनार -- date-27-28 मार्च 2011

दयानंद वैदिक महाविद्यालय, उरई में UGC द्वारा प्रायोजित राष्ट्रिय सेमीनार == 27-28 मार्च 2011





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